
लखनऊ से बड़ी खबर प्रदेश लखनऊ अजीत हत्याकांड का मेन शूटर गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में ढेर
15 फरवरी की सुबह यूपी पुलिस की तरफ से घोषित एक लाख का इनामी चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरधारी लोहार उर्फ़ डाक्टर उस वक्त पुलिस मुठभेड़ के दौरान उस वक्त मारा गया जब वः पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश क्र रहा था | मऊ के मुहम्मदाबाद के जेष्ठ प्रमुख रहे अजीत सिंह की हत्या का मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर सोमवार तड़के विभूतिखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। गिरधारी इस समय तीन दिन की रिमांड पर था और रविवार की रात विभूतिखंड पुलिस और वाराणसी पुलिस ने कई घंटे उससे पूछताछ की थी। पुलिस का दावा है कि तड़के उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चलाई जिसमें आत्म रक्षार्थ पुलिस की जवाबी फायरिंग में सहारा अस्पताल के पास उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।
6 जनवरी को यूपी की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड में सरेराह अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसमें मुख्य शूटर गिरधारी था।इस हत्याकांड के बाद यूपी की योगी सरकार पर विपक्षियों ने तमाम सवाल खड़े क्र दिए थे | उसके साथ पांच अन्य शूटर थे। 11 जनवरी को गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी। हत्या के अन्य राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 जनवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 जनवरी की सुबह खत्म हो रही थी।
एक लाख का इनाम था हत्याकांड के समय
शूटर गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी। अजीत की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में गिरधारी वांछित था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था। इस मामले में साजिशकर्ता और अन्य बदमाशों के बारे में गिरधारी से कई जानकारियां पता करने के लिए वाराणसी पुलिस रविवार दोपहर को लखनऊ पहुंची थी।
दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस दिल्ली गई थी लेकिन उसे रिमांड नहीं मिली थी। लखनऊ की तरह ही गिरधारी वाराणसी कोर्ट में भी नहीं गया था और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उसने अगली तारीख ले ली थी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। सहारा अस्पताल के पास उसने भागने का प्रयास किया जिसमें मारा गया।आपको बता दें कि इस हत्याकांड के दो आरोपी जेल में बंद है और शूटर रविदेव, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर और मददगार विपुल अभी फरार चल रहे हैं।
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