
पेंशन प्रकरण पर मण्डलयुक्त सख्त ,कहा काम नहीं तो दाम नहीं
आजमगढ़-डेस्क-रिपोर्ट-शैलेन्द्र शर्मा-सिटी रिपोर्टर


आजमगढ़ | मण्डलायुक्त के. रविन्द्र नायक ने निर्देश दिए है कि सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण का निस्तारण प्रमुखता के आधार पर किया जाय। किसी के पेंशन लम्बित रखना उचित नही है। क्यांेकि हर अधिकारी/कर्मचारी को एक दिन सेवानिवृत्त होना है।
ये निर्देश मण्डलायुक्त ने आयुक्त सभागार में आयोजित मण्डलीय पेंशन अदालत में दिए। इस अवसर पर कुल 5 मामलें आये जिसमें से 2 मामले का मौके पर ही निस्तारण किया गया तथा 3 मामलों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गये। लम्बित मामलों में 4 आजमगढ़ एवं 1 बलिया का प्रकरण पाया गया। पेंशन के 5 लम्बित प्रकरणो में 2 पुराने एवं 3 नये प्रकरण थे ।
पेंशन के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान बलिया की चन्द्रा सिंह जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत रहे उनके प्रकरण को 3 दिन के अन्दर निस्तारित करने के निर्देश सीएमओ को देते हुए कहा कि यदि निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत निस्तारण नही हुआ तो “काम नही तो दाम नही“ लागु होगा। इसी प्रकार उद्योग विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर सेवानिवृत्त गुरूदास श्रीवास्तव के प्रकरण 8 माह से लम्बित पाये जाने पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि गुण-दोष के आधार पर प्रकरण का निस्तारण 72 घण्टे के अन्दर अवश्य कर दिया जाय अन्यथा सम्बन्धित अधिकारी पर “काम नही तो दाम नही“ लागू होगा।
मण्डलायुक्त ने संयुक्त निदेशक कोषागार को निर्देश दिए कि पिछले दो साल के सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी की जनपदवार सूची उपलब्ध कराये तथा यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित होना चाहिए कि कितने कर्मी का पेंशन मिल रहा है और कितने का लम्बित है।
मण्डलीय पेंशन अदालत का संचालन संयुक्त निदेशक कोषागार एवं पेंशन सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी बलिया त्रिभुवन विश्वकर्मा, मुख्य कोषाधिकारी आजमगढ़ विजय शंकर, बलिया प्रकाश चन्द, सीनियर टीओ मऊ मनीष कुमार कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।
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